
ख्वाज़ा गरीब नमाज़ का उर्स 810 वा
ख्वाजा गरीब नवाज का 810वां उर्स, बंद हुआ जन्नती दरवाजा; आज हुई छोटे कुल की रस्म
ख्वाज़ा गरीब नमाज़ का उर्स 810 वा
ख्वाजा गरीब नवाज का 810वां उर्स, बंद हुआ जन्नती दरवाजा; आज हुई छोटे कुल की रस्म

अजमेर: (अर्श न्यूज़) -महान सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 810वें उर्स के मौके पर आखरी महफिल ए समां में देश के विभिन्न हिस्सों से आए कव्वाल सूफियाना कलामों से माहौल को रुहानी बनाते नजर आए. दरगाह के महफिल खाना में दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन अली खान की सदारत में हुई महफिल में कव्वालो ने कलाम सुना कर खिराज ए अकीदत पेश किया.
ख्वाज़ा गरीब नमाज़ का उर्स 810 वा
810 वां उर्स का अब समापन हो ही चुका है और 11 फरवरी को बड़ा कुल होने के साथ ही उर्स का विधिवत समापन हो जाएगा. आज छोटे कुल की रस्म के साथ जन्नती दरवाजे को बंद कर आखरी ग़ुस्ल की रस्म अदा की गयी..दरगाह की शाही कव्वाल चौकी असरार हुसैन सहित देश के विभिन्न हिस्सों से आए कव्वाल भी पीछे नहीं हैं. महफिलों में गरीब नवाज की शान में पेश की जा रहीं कव्वालियों से दरगाह के दरो दीवार गूंज रहे हैं और गरीब नवाज के आशिक इन कीमती लम्हों के गवाह बन रहे हैं.
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मान्यता यही है कि हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती ही कव्वालियों के जनक हैं और सूफी बुजुर्गों की रूहानी गिजा कव्वालियों ही हैं. इसे देखते हुए ही दरगाह में कव्वालियों का दौर सुबह से देर रात तक जारी है. दरगाह के महफिल खाना में दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन की सदारत में हुई उर्स की आखरी महफिल हुई.
ख्वाज़ा गरीब नमाज़ का उर्स 810 वा
परंपरा के अनुसार दरगाह दीवान आबेदीन ने गरीब नवाज की मजार को आखरी गुस्ल दिया
महफिल में अजमेर के अलावा कोलकाता, रामपुर, दिल्ली, लखनऊ, देवास, हैदराबाद, बरेली समेत विभिन्न हिस्सों के कव्वालों ने कलाम पेश किए. इस मौके पर देश की विभिन्न दरगाहों के सज्जादगान और बड़ी संख्या में अकीदतमंद मौजूद थे. देर रात तक सजी महफिल में मध्य रात्रि के बाद चाय पेश की गई. परंपरा के अनुसार दरगाह दीवान आबेदीन ने गरीब नवाज की मजार को आखरी गुस्ल दिया.
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