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प्रेसवार्ता DPCC

राजीव रत्न आवास योजना

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अरविन्द केजरीवाल जिस दिल्ली मॉडल और विकास का दावा कर रहे है राजधानी की स्थिति बिलकुल उसके विपरित है। – चौ0 अनिल कुमार

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राजीव रत्न आवास योजना के 2.77 लाख आवेदकों को हक दिलाने के लिए कांग्रेस कोर्ट जाऐगी। – चौ0 अनिल कुमार

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2 हजार करोड़ रुपये की लागत से गरीबों के लिए बनी ईमारतों को खंडहर बनाने के लिए पूरी तरह केजरीवाल सरकार जिम्मेदार है।

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– सिग्नेचर ब्रिज में हुए 387 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार पर केजरीवाल जवाब दें।- चौ0 अनिल कुमार

नई दिल्ली, (अर्श न्यूज़) – दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल 7 वर्षों में दिल्ली मॉडल और विकास के दावे कर रहे है राजधानी की स्थिति उनके दावों के बिलकुल विपरित है। केजरीवाल द्वारा फ्लाईओवर बनाने में पैसे की बचत की बात पूरी तरह झूठ है क्योंकि 2013 में सिग्नेचर ब्रिज की अनुमानित राशि 1131 करोड़ रुपये थी जिसको पूरा होने तक 1518 करोड़ की अदायगी में 387 करोड़ रुपये की अधिक राशि की खर्च हुई। वहीं केजरीवाल भलस्वा, मंगोलपुरी, मुकुंदपुर, बुराड़ी और जगतपुर के जिन फ्लाईओवरों को बनाने का दावा कर रहे है, उनका काम कांग्रेस की शीला सरकार ने एक विजन के साथ शुरु किया था, ताकि दिल्ली को सुलभ ट्रेफिक व्यवस्था दे सकें।  प्रदेश अध्यक्ष ने संवाददाता सम्मेलन में आरटीआई से प्राप्त जानकारी के माध्यम से खुलासा किया।

शुक्रवार को

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चौधरी अनिल कुमार

संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार के साथ कम्युनिकेशन विभाग के चैयरमेन एवं पूर्व विधायक श्री अनिल भारद्वाज, दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री मंगतराम सिंघल और प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता डा0 नरेश कुमार भी मौजूद थे।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल गरीब विरोधी और दलित विरोधी है, कांग्रेस द्वारा 2008 में गरीबों, दलितों, पिछड़ां, प्रवासियों को आशियाना देने के लिए राजीव रत्न आवास योजना के तहत कांग्रेस की केन्द्र सरकार से मंजूरी लेकर मात्र 60000 रुपये में गरीबों को मकान देने की योजना बनाई थी, योजना के तहत लगभग 2000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार 47000 मकानों को केजरीवाल ने 2013 में सत्ता हासिल करने के बाद योजना का नाम बदलने की प्रक्रिया में खंडहर बना दिया। उन्होंने कहा कि आशियाने की चाह में 2.77 लाख गरीब लोगों ने राजीव रत्न आवास योजना में अपना पंजीकरण कराया जिसे अरविन्द केजरीवाल सरकार की लापरवाही और कमियों की वजह से बर्बाद कर दिया। उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल ने गरीबों को घर देने की योजना से पूरी तरह हाथ खींच लिया इसकी मैं निंदा करता हूॅ। कांग्रेस पार्टी 2.77 लाख आवेदकों को हक दिलाने के लिए कोर्ट जाऐगी।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि 2 हजार करोड़ रुपये की लागत से गरीबों के लिए बनी ईमारतों को खंडहर बनाने के लिए पूरी तरह केजरीवाल सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि सिग्नेचर ब्रिज में हुए 387 करोड़ के भ्रष्टाचार पर केजरीवाल जवाब दें कि पैसा बचाने वाली सरकार ने अधिक राशि कैसे अदा की।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल ने 7 वर्षों में गरीबों के लिए बनी ईमारतों को नजरअंदाज करके सरकारी खजाने के 2 हजार करोड़ रुपये बर्बाद कर दिए। केजरीवाल यदि चाहते तो दिल्ली की 675 जेजे कलस्टर में रहने वाले गरीबों को पुर्नवासित कर सकते थे, परंतु उनकी नियत में पहले से ही खोट है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार की अनदेखी के कारण राजीव रत्न आवास योजना के तहत बनी इमारते खंड़हर बन चुकी है जिसे ध्वस्त करने के अलावा सरकार के पास कोई रास्ता नही है, यह भवन गरीबों को भी देने की हालत में नही है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल औछी राजनीति करने की मैं निंदा करता हूॅ क्योंकि वे दिल्ली में कुछ न करके भी पंजाब में दिल्ली के सुव्यवस्थित मॉडल की बात करके दिल्लीवालों की भांति पंजाब की जनता को भी भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं।

नरेला अनाज मंडी में किसान धरने पर – अरविन्द सरकार किसान विरोधी

दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री मंगत राम सिंघल ने कहा कि किसानों को अपना हितेषी बताने वाले अरविन्द केजरीवाल ने नरेला अनाज मंडी में बनी स्टॉल और दुकानों को किसानों की बजाय एफसीआई को किराया वसूलने के लिए दे दिया है, जिसके विरोध में दिल्ली के किसान नरेला मंडी के बाहर धरने पर बैठे है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की दिल्ली सरकार नरेला मंडी में किसानों को दुकानें अलॉट करने के लिए योजना के तहत दुकानें बनवाई थी ताकि दिल्ली के किसानों को अपना अनाज बेचने में कोई परेशानी न हो।

श्री सिंघल ने कहा कि नरेला मंडी के पास 131 करोड़ की राशि होने के बावजूद दिल्ली सरकार ने किसानों को दुकानें मुहैया नही कराई। दिल्ली सरकार द्वारा नरेला मंडी के स्टाल और दुकाने एफसीआई को किराऐ पर देने के पश्चात किसानों के लिए अपना अनाज बेचने की समस्या खड़ी हो गई है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल का किसान एवं आड़ती व्यापारी विरोधी चेहरा कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन में पहले ही उजागर हो चुका है जब उन्होंने सबसे पहले कृषि कानूनों को राजधानी में लागू किया था। उन्होंने कहा कि केजरीवाल पंजाब में किसानों के हितों के केवल खोखली घोषणा कर रहे है जबकि दिल्ली में उनकी कार्यवाही पूरी तरह किसान विरोधी है।

 

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