
दिल्ली पुलिस के डीसीपी ने 8 महीनों में 130 किलो बजन से 84 किलो किया।
दिल्ली पुलिस के डीसीपी ने 8 महीनों में 130 किलो बजन से 84 किलो किया।

दिल्ली : (अर्श न्यूज़) – अपना बेहद भारी-भरकम वजन आश्चर्यजनक रूप से कम करने पर दिल्ली पुलिस के डीसीपी जितेंद्र मणि को पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने रिवॉर्ड दिया है। डीसीपी ने दिल्ली पुलिस के करीब 90 हजार जवानों के सामने एक नज़ीर पेश की है। जितेंद्र मणि अपनी विशालकाय कद-काठी के लिए पहचाने जाते रहे हैं। मगर, अब स्लिम बॉडी से उन्हें पहचानना भी मुश्किल है।
दिल्ली पुलिस के डीसीपी ने 8 महीनों में 130 किलो बजन से 84 किलो किया।
महज आठ महीने में डीसीपी मणि ने अपनी कमर का साइज 46 से 34 कर दिखाया। वजन 130 किलो से 84 किलो पर ले आए। … और यह सब बिना दवाई या गोली खाए। हाई शुगर, हाई बीपी को नॉर्मल कर लिया। कोलेस्ट्रॉल लेवल 500 तक पहुंच चुका था, उसे 150 पर ले आए। ट्राईग्लिसराइड को 490 से 120 पर ले आए। पिछले आठ महीने से वह बिना रोटी-चावल खाए रह रहे हैं। यह सब उनके द्वारा तय किए गए टारगेट को प्रतिबद्धता और जोशोजुनून के साथ पूरा करने से संभव हो सका।
दिल्ली पुलिस के डीसीपी ने 8 महीनों में 130 किलो बजन से 84 किलो किया।
दिल्ली पुलिस के डीसीपी जितेंद्र मणि (आईपीएस) जो दिल्ली मेट्रो के डीसीपी है जिनका नाम एक साथ वजह से पुलिस और मीडिया में चर्चा में है. वर्तमान में मेट्रो डीसीपी का पदभार संभाल जितेंद्र मणि कुछ ऐसा कर दिखाया है कि हर कोई हैरान है. उनकी इस खास उपलब्धि के लिए दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने रिवॉर्ड देकर सम्मानित भी किया है.
दिल्ली पुलिस के डीसीपी ने 8 महीनों में 130 किलो बजन से 84 किलो किया।
दरअसल, कभी 130 किलो वजनी होने वाले डीसीपी जितेंद्र मणि ने गजब का ट्रांसफॉर्मेशन किया है. 8 महीने की कड़ी मेहनत के बाद डीसीपी ने अपना वजन 130 किलो से घटाकर 85 किलो कर लिया है. एक वक्त जितेंद्र मणि की कमर का साइज 46 हुआ करता था, जो अब 34 हो गया है.
जितेंद्र मणि ने अपनी ट्रांसफॉर्मेशन जर्नी शेयर की है. उन्होंंने बताया कि मेरा वजन 130 किलो तक पहुंच गया था. इस दौरान तमाम गंभीर बीमारियों से भी घिर गया था. शुगर की भी समस्या हो गई थी. कॉलेस्ट्रोल लेवल बढ़ गया और हाई बीपी की समस्या भी हो गई थी. कमर का साइज 46 हो गया था.
बजन घटाने के लिए कितनी मेहनत की क्या बताया डीसीपी ने महोने खुद बताया।-हर रोज 15 हजार कदम चलना शुरू किया. महीने में कम से कम साढ़े चार लाख कदम चलने का लक्ष्य रखा था. स्ट्रिक्ट डाइट प्लान फॉलो करना शुरू किया. 8 महीने की अथक मेहनत का फल मिला और मेरा 45 किलो वजन कम हुआ.
बीते आठ महीने में मैंने रोटी और चावल को हाथ तक नहीं लगाया है.साथ ही किसी भी तरह की वजन घटाने वाली दवाई भी नहीं खाई.प्रतिदन 15,000 कदम चलना
कार्बोहाइड्रेड फ्री खान-पान
हर रोज लौकी और करेला का जूस
सुबह के नास्ते में फ्रूट (सेब, पपीता, कीवी, अमरूद)
लंच, डिनर से पहले भरपूर सलाद
दोपहर में नारियल पानी या दही-छाछ
लंच में (बिना रोटी,चावल) ग्रीन वेजिटेबल, दाल का सेवन
शाम 5 बजे सेब या भुने चने
डिनर में वेजिटेबल सूप या चिली पनीर
दिन में 2 टाइम प्रोटीन पाउडर
दिल्ली पुलिस के डीसीपी ने 8 महीनों में 130 किलो बजन से 84 किलो किया।
डीसीपी मेट्रो जितेंद्र मणि(आईपीएस) कहते हैं कि पिछले 8 महीने में 32 लाख से अधिक कदम चला हूं. खानपान में नियंत्रण करके करीब 45 किलो वजन कम किया है. अपने इस ट्रांसफॉर्मेशन के लिए स्पेशल सीपी रोबिन हिबू साहब को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने मुझे बार-बार इसके लिए प्रेरित किया.
डीसीपी जितेंद्र मणि ने मीडिया को शेयर की अपनी कविता पढ़े
मेरे जैसा बनना है तो
लोहे जैसा ढलना होगा
सीसे सा पिघलना होगा
रांगे जैसा गलना हो होगा
फिर निर्बाध उछलना होगा
सीमा से निकलना होगा
लावे सा उबलना होगा
थोड़ा तो मचलना होगा
मोह माया को छलना होगा
इन आंखों को मरना होगा
लावे जैसा जलना होगा
गिर गिर कर चलना होगा
सूरज से निकलना होगा
भीष्मा सा ना फिर टलना होगा
वक्त की आंच में तलना होगा
सांचे में फिर डलना होगा
चक्की में दाल सा दलना होगा
अंगारों पे मोह माया को छलना होगा
इन आंखों को मरना होगा
लावे जैसा जलना होगा
गिर गिर कर चलना होगा
सूरज से निकलना होगा
भीष्मा सा ना फिर टलना होगा
सांचे में फिर डलना होगा
सांचे जैसा फिर ढलना होगा अंगारों पे फिर पलना होगा
चट्टानों पर फिर फलना होगा
सांचे जैसा फिर ढलना होगा
Copy right
जितेंद्र मणि
रिपोर्ट
संजय खान
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