
भारत को इंडिया नहीं सिर्फ भारत पुकारा जाए: जय भगवान गोयल
भारत को इंडिया नहीं सिर्फ भारत पुकारा जाए: जय भगवान गोयल
नई दिल्ली : (अर्श न्यूज़) – यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट की ओर से आज जन्तर-मन्तर पर धरना देकर प्रदर्शन कर यह मांग की गई कि अब समय आ गया है जैसे धारा 370 हटना, अयोध्या में बाबरी मस्जिद को हटाकर राम मंदिर बनना, इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चन्द बोस की प्रतिमा स्थापित करना और औरंगजेब रोड़ का नाम बदलकर डॉ. अब्दुल कलाम रोड़ रखना। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए अंग्रेजों द्वारा भारत को इंडिया कहकर थोपे गए नाम को भी हटाया जाना चाहिए।
भारत को इंडिया नहीं सिर्फ भारत पुकारा जाए: जय भगवान गोयल
कार्यक्रम में उपस्थित पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, वरिष्ठ नेता भारतीय जनता पार्टी व राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रवादी शिवसेना श्री जय भगवान गोयल जी ने कहा कि हमने इस मांग को लेकर राष्ट्रपति महोदया को एक ज्ञापन भेंट किया है।
भारत को इंडिया नहीं सिर्फ भारत पुकारा जाए: जय भगवान गोयल
ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति महोदया से यह मांग की गई कि भारत को प्राचीन संस्कृति व सभ्यता वेदों व पुराणों मंे महाभारत काल से ही हमारे देश को भारत नाम से ही जाना जाता है तो आज जिस तरह पूरी दुनिया भारत की संस्कृति व सभ्यता और योग को नमन् करते हुए हमारे देश भारत का सम्मान कर रही है, इसीलिए भारत को अब इंडिया नहीं भारत के नाम से ही पुकारा जाना चाहिए।
भारत को इंडिया नहीं सिर्फ भारत पुकारा जाए: जय भगवान गोयल
श्री गोयल ने कहा कि अंग्रेजों ने जिस तरह उत्तरी अमेरिका के आदिवासियों को रेड इंडियन कहा व जिस तरह अंग्रेजी भाषा में हमेशा वनवासियों, आदिवासियों इत्यादि को जिस घृणा के साथ व नस्लीय श्रेष्ठता की धारणा के साथ इंडियन कहा गया उससे स्पष्ट है कि उनके लिए इंडिया शब्द का अर्थ किसी अपशब्द से कम नहीं है। यह बताना भी आवश्यक है कि जब संविधान सभा मंे इंडिया शब्द को लेकर विस्तृत बहस हुई, उस समय भी बहुत सारे बृद्धिजीवियों व विद्वानों ने इंडिया के बजाए भारत शब्द का ही समर्थन किया था।
श्री गोयल ने कहा कि एक तरफ तो आज पूरी दुनिया भारत की प्राचीन सभ्यता संस्कृति, योग को नमन् कर रही है, वहीं दूसरी तरफ भारत को इंडिया नाम से पुकारा जाना, भारत के 143 करोड़ भारतीयों का खुल्लम-खुल्ला अपमान है। भारत का यह नाम उस समय से जुड़ा हुआ है जब पूरे भारतीय उपमहाद्वीप को इस नाम से जाना जाता था। इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण तौर पर भारत शब्द हमारी विश्व की सबसे पुरानी सभ्यता को दर्शाता है और हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जुड़ा हुआ है। हमारे देश को इंडिया कहने की कोशिश करने वाले तो हमारी संस्कृति को ही नष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं। उपरोक्त बताए गए महत्वपूर्ण तथ्यों के मद्देनजर हम हिन्दी और अंग्रेजी में भारत को भारत ही कहने का पुरजोर समर्थन करते हैं और हमारी यह मांग है कि इस संदर्भ में उचित कार्यवाही करते हुए हिन्दी और अंग्रेजी मंे भारत को भारत ही कहने की अधिसूचना जारी की जानी चाहिए।
इस अवसर पर सर्वश्री स्वामी दिनेशानंद जी महाराज, बृजभूषण सेनी (अध्यक्ष, देव सेना) धर्मेन्द्र बेदी, महेन्द्र मनचंदा, जयप्रकाश बघेल, रमाकांत शर्मा, अवध कुमार, खेमचंद शर्मा, भोजराज, गोविंद पंडित, कंहैया लाल (पूर्व पार्षद), बजरंग बहादुर, सुभाष, अजय कुमार, सुमन प्रजापति, ओमवती, मालती आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।
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