Trending

बाप का साया ना होने पर भी सबोली गांव के रहने वाला हिमांशु ने नेट का एग्जाम पास किया

बाप का साया ना होने पर भी सबोली गांव के रहने वाला हिमांशु ने नेट का एग्जाम पास कियाबाप का साया ना होने पर भी सबोली गांव के रहने वाला हिमांशु ने नेट का एग्जाम पास किया

उत्तर पूर्वी दिल्ली : (अर्श न्यूज़) –  सबोली गाँव क्षेत्र में रहने वाले हिमांशु ने अत्यंत विपरीत परिस्थितियों में अपनी पढ़ाई को जारी रखते हुए आखिरकार नीट परीक्षा उत्तीर्ण कर दिल्ली वासियों को गौरवान्वित कर दिया।

बाप का साया ना होने पर भी सबोली गांव के रहने वाला हिमांशु ने नेट का एग्जाम पास किया

सरकारी स्कूल से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत हिमांशु ने नीट परीक्षा में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अपनी माता का सपना साकार कर दिया।

पिछले वर्ष ही हिमांशु के परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा जब घर के समीप ही स्थित रेलवे लाइन पर उसके पिता की दहे अत्यंत रहस्यमई परिस्थितियों में पाई गई।

बाप का साया ना होने पर भी सबोली गांव के रहने वाला हिमांशु ने नेट का एग्जाम पास किया

तीन बच्चों के लालन पालन की जिम्मेवारी अब अकेली मापन पड़ी। दुख की इस घड़ी में हिमांशु के परिवार की मदद करने के लिए भरे पूरे कुटुंब में से किसी ने मदद का हाथ नहीं बढ़ाया। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में हिमांशु की माताजी ने दृढ़ निश्चय कर अपने बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी जीविका उपार्जन कर स्वयं उठा ली।

बाप का साया ना होने पर भी सबोली गांव के रहने वाला हिमांशु ने नेट का एग्जाम पास किया

नीट परीक्षा करने के लिए हिमांशु को अपने पड़ोस में रहने वाले मित्र व गुरु उज्जवल से काफी सहायता मिली।

उत्तर पूर्वी दिल्ली के सबोली क्षेत्र में स्थित इस मकान के बाहर आने जाने वालों की चहल-पहल रहने लगी है।

हिमांशु के पड़ोसी भी हिमांशु की इस उपलब्धि पर स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं।

नीट परीक्षा के पहले राउंड में ही हिमांशु को दिल्ली के प्रतिष्ठित मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में सीट मिल गई।

हिमांशु के परिजनों में माता के अतिरिक्त एक बड़ी बहन और छोटी बहन उसके सुख दुख में हरदम साथी रही हैं।

नीट परीक्षा में ऑल इंडिया लेवल पर हिमांशु को 12101 अपनी इस उपलब्धि को हिमांशु अपने पिता के सपनों को साकार करने की दृष्टि से पहला कदम मानते हैं।

19 वर्षीय हिमांशु की दिनचर्या सुबह सवेरे से ही 4:00 बजे से आरंभ हो जाती थी तदोपरांत स्वा अध्ययन करने के पश्चात हिमांशु राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय में अपने शिक्षकों से मार्गदर्शन प्राप्त किया करते थे।

रात्रि काल में घर में पढ़ाई करते समय माता और बहनों की नींद में व्यवधान ना पड़े इसलिए समय निकालकर हिमांशु लाइब्रेरी चले जाया करते थे।

हिमांशु की इस उपलब्धि पर मीडिया से बात करते हुए हिमांशु की माता जी की आंखों में दुखों के आंसू ख़ुशी रूप में छलक पड़े।

हिमांशु की इस उपलब्धि पर हिमांशु के परिजनों के साथ साथ पूरा मोहल्ला भी गर्व की अनुभूति कर रहा है।

Live Share Market

विडिओ  न्यूज जरूर देखे 

जवाब जरूर दे 

[poll]

Related Articles

Back to top button
Close
Close