
वित्त मंत्री को किसान विरोधी करार दिया है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को किसान विरोधी करार दिया है!
वित्त मंत्री को किसान विरोधी करार दिया है
नई दिल्ली – (अर्श न्यूज़) -वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डा, नरेश कुमार ने आज संसद में पेश किए गए बजट में किसानों की आमदनी दोगुना करने संबंधी कोई प्रावधान नहीं होने पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को किसान विरोधी करार दिया है!
वित्त मंत्री को किसान विरोधी करार दिया है
डॉ कुमार ने मंगलवार को अपने गांव हिरनकूदना में किसानों के साथ बजट पर चर्चा करते हुए इसे किसान विरोधी और किसान शून्य करार देते हुए कहा कि इसमें ऐसा कोई भी उपाय नहीं किया गया है जिससे उनकी आमदनी दोगुनी हो या उन्हें कोई अन्य लाभ हो सके! उन्होंने कहा कि काले कृषि कानूनों के खिलाफ टीकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर एक साल से ज्यादा समय तक बैठे और 750 से ज्यादा किसानों की शहादत के बाद किसानों को उम्मीद थी कि इसमें उनके कल्याण के लिए कुछ किया जायेगा,, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और किसान समुदाय इससे निराश है।
वित्त मंत्री को किसान विरोधी करार दिया है
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस प्रकार उन कानूनों को वापिस लिया और किसानों से माफी मांगी थी, उससे किसानों को उम्मीद थी कि शायद उनके लिए कुछ बेहतर होगा। किसानों को उम्मीद थी कि इस बार उनके लिए खाद, बीज और अन्य चीजों पर सब्सिडी बड़ाए जानेकी घोषणा की जाएगी,, लेकिन ऐसा कुछ नही किया गया। उन्होंने कहा कि इसमें बड़े उद्योग पतियों ,, क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े लोगों के लिए प्रावधान किए गए, लेकिन देश के अन्न दाता को फिर ठगा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर थोड़ी बहुत रियायत कर कुछ झुनझना ही थमा देती तो वे फिर भी संतोष कर लेते, लेकिन बजट में बड़े उद्योगों पर ध्यान दिया गया मगर अन्न पैदा करने वाले किसानों के बारे में कुछ नहीं सोचा गया। यह मोदी सरकार की किसान विरोधी मानसिकता और संवेदनहीनता का परिचायक है,,
वित्त मंत्री को किसान विरोधी करार दिया है

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि किसानों को इस बजट में सरकार से खाद, बीज, डीजल पर सब्सिडी में बढ़ोतरी, और ब्याज मुक्त ऋण दिए जाने के प्रावधान की उम्मीद थी,, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया है। इसके अलावा कृषि क्षेत्र में सुधारों से जुड़ी बातों और अन्य प्रावधानों वाली स्वामीनाथन समिति का बजट में कोई जिक्र नहीं होने से किसानों में निराशा है।
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