
करोड़ो रुपये का भ्रष्टाचार
अरविन्द केजरीवाल द्वारा 12748 र्स्माट रुम बनाने में करोड़ो रुपये का भ्रष्टाचार- 16 लाख का क्लासरुम 23 लाख में बना। - चौ0 अनिल कुमार
करोड़ो रुपये का भ्रष्टाचार
अरविन्द केजरीवाल द्वारा 12748 र्स्माट रुम बनाने में करोड़ो रुपये का भ्रष्टाचार- 16 लाख का क्लासरुम 23 लाख में बना। – चौ0 अनिल कुमार
करोड़ो रुपये का भ्रष्टाचार
हजारों शिक्षकों सहित प्रिंसिपलों की सरकारी स्कूलों में भारी कमी से केजरीवाल सरकार का स्मार्ट शिक्षा का मॉडल झूठा साबित।- चौ0 अनिल कुमार
करोड़ो रुपये का भ्रष्टाचार
7 वर्षों में 82 नए स्कूलों की जमीन उपलब्ध लेकिन अरविंद केजरीवाल सरकार ने बनाया सिर्फ एक स्कूल। – चौ0 अनिल कुमार

नई दिल्ली, – (अर्श न्यूज़) -दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल द्वारा दिल्ली में बेहतरीन शिक्षा मॉडल का बखान और 12748 स्मार्ट क्लास रुम बनाने का दावा पूरी तरह बेमानी है क्योंकि दिल्ली सरकार के 1031 स्कूलों में 16834 टीचरों सहित 755 प्रिंसिपल, 131 वाईस प्रिंसिपल के पद रिक्त है जबकि छात्रों की पढ़ाई की अधिकतर जिम्मेदारी ऐसे 24041 गेस्ट टीचरों पर है जो समान काम-समान वेतन के हक और स्थायी होने की लड़ाई लड़ने के कारण मानसिक स्थिति से जूझ रहे है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी होने के बाद दिल्ली सरकार कैसे छात्रों को स्मार्ट क्लास रुम के जरिए गुणवत्ता वाली शिक्षा दे सकती है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि हर मौके को इंवेट बनाकर पेश करने वाले अरविन्द केजरीवाल ने 12748 स्मार्ट क्लास रुम बनाने की घोषणा भी पंजाब चुनाव से दो दिन पहले की ताकि वहां उन्हें फायदा मिल सके, जबकि स्मार्ट क्लासरुम अभी बनकर तैयार नही हुए है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लास रुम बनाने में भारी भ्रष्टाचार हुआ है क्योंकि लगभग 16 लाख का एक क्लास रुम बनाने की लागत की जगह दिल्ली सरकार ने लगभग 23 लाख खर्च किए है, जिससे साफ उजागर होता है कि क्लास रुम बनाने में करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने कहा कि अरविन्द सरकार द्वारा बनाए गए क्लास रुम स्मार्ट नही है क्योंकि पुराने रुमों में रंगरोगन करके सिर्फ चमका दिया है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल ने पिछले 7 वर्षों में दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को ही ध्वस्त कर दिया है। केजरीवाल द्वारा चुनाव घोषणा पत्र मे 500 नए स्कूल खोलने का वादा करने बावजूद एक भी स्कूल नही बनाया है जबकि कांग्रेस की दिल्ली सरकार द्वारा नए स्कूलों के लिए 82 प्लॉट डीडीए से लेकर खाली पड़े है, जिन अरविन्द सरकार ने आज तक एक स्कूल के निर्माण का काम शुरु नही किया जबकि वे कहते है कि उनके पास नए स्कूल खोलने के लिए डीडीए जमीन ही नही दे रहा है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि यह शर्मनाक है कि आर्थिक तंगी के कारण प्राईवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूलों में आए ढाई लाख गरीब छात्रों का ’क्रेडिट’ अरविंद केजरीवाल ले रहे है, परंतु उनके पास इन छात्रों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त टीचर और व्यवस्था नही है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय तक स्कूल बंद रहने पर गरीब बच्चों की शिक्षा पर बहुत प्रभाव पड़ा है, और यह छात्र बुनियादी सुविधाओं के अभाव में ऑनलाईन शिक्षा का उपयोग ही नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा देने के प्रति असंवेदनशील अरविंद सरकार की नाकामियों की वजह से गरीब बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा तक पहुंचने की कोई सुविधा नही मिली।
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