
निगमों का एकीकरण
निगमों का एकीकरण मोदी सरकार का तानाशाह और अलोकतांत्रिक निर्णय- चौ0 अनिल कुमार
निगमों का एकीकरण
निगमों का एकीकरण मोदी सरकार का तानाशाह और अलोकतांत्रिक निर्णय- चौ0 अनिल कुमार
गृहमंत्री द्वारा लोकसभा में पेश निगम एकीकरण बिल में निगम के आर्थिक संकट से निपटने का कोई जिक्र नही, जिस पर केजरीवाल भी पूरी तरह चुप है।- चौ0 अनिल कुमार
निगमों का एकीकरण
केन्द्र और दिल्ली सरकार एमसीडी के स्वतंत्र और प्रभावी कामकाज के लिए 13,000 करोड़ रुपये के बेलआउट पैकेज को मंजूरी दें।- चौ0 अनिल कुमार
निगमों का एकीकरण

नई दिल्ली, 25 मार्च, 2022 – (अर्श न्यूज़) – दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह द्वारा निगमों के एकीकरण का जो बिल लोकसभा में पेश किया गया उसमें भविष्य में फंड की व्यवस्था सुधारने के लिए कोई जिक्र नही है और न ही भविष्य में कर्मचारियों के हितों को लेकर चौथे व पांचवे वित्त आयोग की सिफारिशें लागू करने का जिक्र है। भविष्य में फंड के हालाता कैसे सुधरेंगे इस पर भी कोई समाधान नही दिए गए है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि निगमों के एकीकरण के बाद 70 प्रतिशत फंड का ही प्रावधान है, बाकी 30 प्रतिशत फंड बाहरी जरुरत पर सब कुछ गोलमाल रखा है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि तीनों निगमों के एकीकरण और निगम चुनाव टालने के निर्णय से पूर्व केन्द्र सरकार को दिल्ली में सर्वदलीय बैठक करके सलाह मश्वरा करना चाहिए था परंतु मोदी सरकार ने तानाशाह और अलोकतांत्रिक रवैया अपनाते हुए यह निर्णय दिल्लीवासियों पर थोप दिया।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी ने एक योजना के तहत दिल्लीवालों को भ्रमित करके दिल्ली में तीनों निगमों का एकीकरण करने का षड़यंत्र किया, क्योंकि पांच राज्यों के नतीजों से एक दिन पूर्व चुनाव आयोग निगम चुनावों की घोषणा करने की जगह निगमों के एकीकरण की बात कहकर चुनाव टाल दिए और मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल चुप्पी साधे रहे। उन्होंने कहा कि केजरीवाल द्वारा दिल्ली बजट को 26 मार्च को रखना और उससे एक दिन पहले संसद में निगमों के एकीकरण पर कानून आना, साफ दर्शाता है। कि दोनों पार्टियाँ निगम चुनाव टालने में एकमत हैं।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि एकीकरण के फैसले से फंड की समस्या बरकरार रहेगी क्योंकि बिल में कर्मचारियों को समय पर वेतन बकाया एरियर और भाजपा द्वारा घोषणा की सभी अनुबंधित कर्मचारियां को स्थायी करेगी इसके लिए फंड कहां से आयेगा इस पर कोई जिक्र नही है। जबकि भाजपा और आम आदमी पार्टी के शासन में विकास के कार्य फंड की कमी से पहले ठप्प पड़े है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि कॉंग्रेस पार्टी भाजपा और अरविन्द सरकार से नगर निगमों को 13,000 करोड़ का बेलआउट पैकेज दिए जाने की माँग करती है, ताकि कर्ज तथा बकाया चुकाया जाये और निगम आर्थिक संकट से कुछ उभर सके। उन्होंने कहा कि निगमों को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए कानून में व्यवस्था में कड़े प्रावधान किए जाए और पर्याप्त फंड की व्यवस्था भी की जाए। नगर निगम से भ्रष्टाचार कैसे खत्म होगा, इस पर कोई चर्चा नही है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली नगर निगम के उपर किसी एक व्यक्ति को उपर बैठा देने से हालात नहीं सुधरेंगे।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि निगमों का एकीकरण करने के बहाने निगमों का चुनाव टालना दिल्ली के लिए नुकसानदेह है और जबकि कांग्रेस पार्टी दिल्ली के भविष्य को लेकर चिंतित है, जबकि केजरीवाल सहित पूरी आम आदमी पार्टी एकीकरण पर मोदी सरकार के तानाशाही रवैये पर चुप है, उनकी चिंता केवल चुनाव को लेकर है। प्रदेश अध्यक्ष ने केजरीवाल से पूछा कि क्या आम आदमी पार्टी संसद में निगम एकीकरण बिल के समर्थन में वोट करेगी या विरोध में? केजरीवाल स्थिति स्पष्ट करें।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा केजरीवाल और भाजपा सरकारें निगमों के एकीकरण पर आपस में नूरा कुश्ती कर रही है जबकि भाजपा और आप पार्टी ने कई विषयों पर एक साथ मिलकर दिल्लीवासियों के हितों के खिलाफ फैसला लिया है, जिसको कांग्रेस पार्टी ने हर स्तर पर उजागर किया है। केजरीवाल ने भाजपा के साथ मिलकर राजस्व बढ़ाने के नाम पर दिल्ली में शराब की नीति को लागू करे नशे की राजधानी बनाने वाला कानून पास कराया और अब निगमों का चुनाव टालने के लिए निगम एकीकरण में दोनो पार्टियां एकमत होकर कानून बनाने को आतूर है जिस पर केन्द्र सरकार का पूर्ण अधिकार हो जाएगा।
Live Share Market