
क्राइम ब्रांच की NDR की टीम ने मुंडका के पास से मुठभेड़ के दौरान एक आरोपी को गिरफ्तार करने के साथ एक नाबालिक को पकड़ा
क्राइम ब्रांच की NDR की टीम ने मुंडका के पास से मुठभेड़ के दौरान एक आरोपी को गिरफ्तार करने के साथ एक नाबालिक को पकड़ा
दिल्ली : (अर्श न्यूज़) – दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की NDR की टीम ने दिल्ली के मुंडका के पास एक मुठभेड़ के बाद नरेश सेठी गिरोह के दो शार्प शूटर, समीर और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया है। दोनों की गिरफ्तारी से सोनीपत में एक प्रॉपर्टी डीलर को रंगदारी देने की धमकी का मामला सुलझा लिया गया है।
क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी रविंद्र सिंह यादव ने शनिवार के दिन मीडिया को बताया
17 अप्रैल सोनीपत के नहरी गांव निवासी प्रॉपर्टी डीलर विकास दहिया को रंगदारी के लिए धमकी मिली थी । 24 अप्रैल को फिर से, गैंगस्टर अक्षय से धमकी भरा फोन आया, जो भारत से बाहर रहता है। इसके बाद 27 अप्रैल को तीन लड़के मोटरसाइकिल पर आए और विकास दहिया पर उस समय गोलियां चलाईं, जब वह अपने लामपुर के कार्यालय में बैठा था। तभी फायरिंग की थी बदमाशों ने जिसमे विकास के हाथ में गोली लगी व उसके एक अन्य साथी देवी वीर सिंह को भी सिर में गोली लगी । इसके बाद थाना नरेला ने मामला दर्ज किया था।
क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर रविन्द्र सिंह यादव ने बताया की मामले को सुलझाने के लिए एक टीम बानी जो जोकि क्राइम राज के ज्वाइंट सीपी एचडी मिश्रा और डीसीपी अंकित सिंह के टीम के एसीपी उमेश भर्थवाल की देखरेख में इंस्पेक्टर रामपाल के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। जिसमे सब इंस्पेक्टर हेमंत, सब स्पेक्टर मुकेश, सब इंस्पेक्टर देवी दयाल, एएसआई नरेंद्र, हेड कांस्टेबल अमित गुलिया, हेड कॉन्स्टेबल अमित कुमार, हेड कॉन्स्टेबल राम नरेश, हेड कॉन्स्टेबल राम दास, हेड कांस्टेबल ओमबीर, हर कॉन्स्टेबल संजय, हर कॉन्स्टेबल सिद्दार्थ, और कॉन्स्टेबल आशीष और महिला सिपाही शिकाला शामिल थे । टीम ने लगातार काम करते हुए इस अपराध में शामिल अपराधियों के बारे में जानकारी विकसित की व सीसीटीवी फुटेज का सूक्ष्मता से विश्लेषण किया गया, जिसमें अपराधियों को शिकायतकर्ता पर फायरिंग करते हुए देखा गया था । फुटेज पर काम करते हुए टीम को हमलावरों की पहचान के बारे में कुछ सुराग मिले।
क्राइम ब्रांच की NDR की टीम ने मुंडका के पास से मुठभेड़ के दौरान एक आरोपी को गिरफ्तार करने के साथ एक नाबालिक को पकड़ा
दोनों अपराधियों के संबंध में गुप्त सूचना मिली, तो टीम द्वारा दिल्ली के दीचाऊ-हिरण कुदना रोड के पास जाल बिछाया गया और एक मोटरसाइकिल पर सवार दो व्यक्तियों को रुकने का इशारा किया, लेकिन पीछे बैठे बदमाश ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग कर दी। पुलिस टीम ने भी खुद को बचाने के लिए हवा में फायरिंग की और सफलतापूर्वक दोनों को काबू कर लिया। उनकी पहचान समीर, 18 वर्षीय, निवासी सांपला, हरियाणा और एक नाबालिग के रूप में हुई। दोनों ने नरेला की उक्त फायरिंग घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है|
क्राइम ब्रांच की NDR की टीम ने मुंडका के पास से मुठभेड़ के दौरान एक आरोपी को गिरफ्तार करने के साथ एक नाबालिक को पकड़ा
पूछताछ के दौरान, यह पता चला कि दोनों आरोपी व्यक्ति एक गैंगस्टर अक्षय (नरेश सेठी गिरोह के शार्पशूटर) के संपर्क में थे, जो भारत से बाहर रह रहा है। अक्षय ने अपने एक सहयोगी बंटी के जरिए समीर से संपर्क किया और उसे विकास दहिया के ऑफिस पर फायरिंग करने का काम सौंपा। 27 अप्रैल को समीर, बंटी और एक अन्य नाबालिग ने विकास दहिया के कार्यालय पर गोलियां चला दीं। गोली लगने से विकास दहिया और उसका एक साथी देवी वीर सिंह घायल हो गए और सभी मौके से फरार हो गए। घटना के बाद तीनो उत्तराखंड के हरिद्वार में कहीं छिप गये। जब वे हरियाणा में छिपने के लिए जा रहे थे तो दोनों को पकड़ लिया गया।
बता दें कि आरोपी नरेश सेठी निवासी झज्जर, हरियाणा गिरोह का सरगना है और उसने वर्ष 2006 में पॉलिटेक्निक पूरा करने के बाद में, अपराध की दुनिया में प्रवेश किया और अपने साथियों के साथ दिल्ली से डकैती के मामले में गिरफ्तार किया गया। तिहाड़ जेल में बंद संदीप उर्फ काला जठेड़ी और अनिल छीपी के संपर्क में आया। जेल से रिहा होने के बाद वह फिर से अपराध में शामिल हो गया और दिल्ली और हरियाणा की अलग-अलग जेलों में बंद रहा।
वर्ष 2011 में वह फरार आरोपी राजकुमार उर्फ राजू बसौदी, सुनील उर्फ बांदा समेत अन्य के संपर्क में आया। इसके बाद उसने दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र में हत्याएं और डकैती जैसी वारदातों को अंजाम दिया । उसने अपने साथियों के साथ अपने बहनोई राजेश की भी हत्या कर दी क्योंकि राजेश ने इसकी बहन की हत्या की थी।
वर्ष 2012 में, उसने अपने साथियों के साथ एक जेल पुलिस वैन को रोका और जेल वैन के अंदर दिलबाग और फौजी की हत्या कर दी क्योंकि अनिल छीपी की उनसे दुश्मनी थी। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया और रोहतक जेल भेज दिया गया, जहाँ वह संदीप उर्फ काला जठेड़ी गिरोह का एक महत्वपूर्ण सदस्य बन गया। फिर वह अपने साथियों के माध्यम से अपराध करने लगा। जेल में बंद रहने के दौरान उसने हत्याएं कराईं और फिरौती के कॉल किए।
वर्ष 2016 में गुरुग्राम जेल में उसकी मुलाकात दीपक उर्फ टीनू भवानी से हुई, जो लॉरेंस बिश्नोई-संपत नेहरा गैंग का सदस्य था। वहां वह जोधपुर जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई और फरार चल रहे संपत के संपर्क में आया। फिर इसने संदीप उर्फ काला जठेड़ी से उनका परिचय कराया।
साल 2017 में संपत नेहरा ने पुलिस पार्टी पर हमला कर टीनू भिवानी को पंचकूला में हरियाणा पुलिस की हिरासत से छुड़ा लिया था । जेल से रिहा होने के बाद राजू बसौदी भी इस नए गिरोह में संपत नेहरा के जुड़े होने के कारण शामिल हो गया।
समीर, सांपला, रोहतक में अपने परिवार के साथ रहता था। इसके माता-पिता की एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी । यह अनपढ़ है और पैसे की चाहत और जुर्म की दुनिया में मशहूर होने के लिए वह नरेश सेठी गिरोह में शामिल हो गया। पुलिस ने पकड़े गए बदमाशों के कब्जे से
एक पिस्तौल व जिंदा कारतूस तथा एक बजाज प्लेटिना मोटरसाइकिल बरामद की है।