
समलेंगिकता शादी को गैर कानूनी और कानून बनाने का अधिकार संसद को
समलेंगिकता शादी को गैर कानूनी और कानून बनाने का अधिकार संसद को है
नई दिल्ली : (अर्श न्यूज़) – उच्चतम न्यायालय के उपरोक्त फेसले पर आज शाहदरा मुख्य कार्यालय में यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, राष्ट्रवादी शिवसेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष एव वरिष्ठ भाजपा नेता श्री जय भगवान गोयल व मुख्य पदाधिकारियों की बैठक हुई बैठक में सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत किया गया कि समलेंगिकता शादी को गैर कानूनी और कानून बनाने का अधिकार संसद को है श्री गोयल ने कहा कि हमारा संगठन लगातार समलेंगिकता के मुद्दे के खिलाफ 6 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट पर प्रदर्शन कर मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन दिया था व संतों के मार्गदर्शन में जन्तर-मन्तर पर 27 अप्रैल 2023 को धरना प्रदर्शन कर व सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, उच्चतम न्यायालय, मा. राष्ट्रपति महोदया, मा. प्रधानमंत्री महोदय, केन्द्रीय गृह मंत्री व केन्द्रीय कानून मंत्री जी को दिया गया था।
समलेंगिकता शादी को गैर कानूनी और कानून बनाने का अधिकार संसद को
यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट यह बात बड़ी मजबूती से कहता आ रहा है कि समलेंगिकता शादी को किसी भी तरीके कानूनी मान्यता नहीं मिलनी चाहिए क्यांकि हमारी सनातन संस्कृति के अनुसार स्त्री और पुरूष जो शादी करते हैं तभी नया जीव धरती पर आकर प्रकृति की रचना में अपना योगदान दे पाता है जिसे माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है और समलेंगिकता शादी को कानूनी शादी मानने से इंकार कर दिया है।
समलेंगिकता शादी को गैर कानूनी और कानून बनाने का अधिकार संसद को
पिछले दिनों विदेशियों की नकल करते हुए सारे देश में लिव इन रिलेशन जैसा कानून लागू किया गया, जिसको लेकर आए दिन लिवइन रिलेशन में रहने वाली महिलाओं की हत्याओं के मामले व उनके बच्चों की दूर्दशा व उनका शोषण देखने व सुनने को आए दिन मिल रहा है। इसके कारण हमारे देश में शादी जैसे पवित्र व मर्यादित प्रथा को तार-तार करने की कोशिश की जा रही है, जिस पर कानून बनने के कारण कोई भी नियम व कायदा लागू नहीं होता है।
समलेंगिकता शादी को गैर कानूनी और कानून बनाने का अधिकार संसद को
श्री गोयल ने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने समलेंगिकता पर गहन विचार करके अपना फैसला सुनाया है, उसके लिए हम सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देते हैं तथा समलेंगिकों को किसी बच्चें को गोद न लिए जाने का अधिकार भी न दिया जाना एक सराहनीय कदम है जिसका हम स्वागत करते हैं।
इस अवसर पर सर्वश्री धर्मेन्द्र बेदी, ईश्वर चौधरी, रमाकांत शर्मा, महेन्द्र मनचंदा, सांवर तायल, विनेद गुप्ता, महंत श्याम गिरी जी महाराज, अवध कुमार, डॉ. राम मिलन शुक्ल, प्रेमचंद गुप्ता, सुरेन्द्र मोहन, लक्ष्मी, सुमन, पूजा आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।
भवदीय
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