
नरेला में पटाखें बनाते हुए 2 युवकों की मृत्यु का जिम्मेवार केजरीवाल : गोयल
नरेला में पटाखें बनाते हुए 2 युवकों की मृत्यु का जिम्मेवार केजरीवाल : गोयल
नई दिल्ली: (अर्श न्यूज़) – प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक प्रेस काँफ्रेंस के दौरान यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, राष्ट्रवादी शिवसेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष एव वरिष्ठ भाजपा नेता श्री जय भगवान गोयल जी ने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार, केन्द्र सरकार के विस्फोटक अधिनियम 2008 का साजिश के तहत उल्लंघन करके पटाखों पर रोक लगाकर करोड़ों हिन्दुआें की भावनाओं से न केवल खिलवाड़ कर रही है बल्कि दिल्ली में कई किस्म की महामारियां फैलाकर दिल्ली के लोगों को बैमौत मारने की साजिश रच रही है।
नरेला में पटाखें बनाते हुए 2 युवकों की मृत्यु का जिम्मेवार केजरीवाल : गोयल
इस अवसर पर श्री गोयल ने कहा कि दिल्ली केन्द्र शासित प्रदेश होने के नाते यहां पर सारे कायदे कानून केन्द्र सरकार के अधीन ही लागू होते हैं जबकि केजरीवाल सरकार की दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति बिना किसी अधिकार के दिल्ली में पटाखों पर जबरन रोक लगा रही है, पटाखों से प्रदूषण होता है – दिल्ली सरकार का यह दावा खारिज हो चुका है क्यांकि दिल्ली का एक एक्यूआई पिछले एक माह से 400 से लेकर 500 तक पहुंच चुका है। इसके बावजूद केजरीवाल सरकार जो कल तक पंजाब में पराली जलाने से प्रदूषण होने का रोना रोती थी आज पंजाब में अपनी सरकार होने के कारण प्रदूषण होने की बात पर पूरी तरह चुप्पी साधकर दिल्ली व पूरी एनसीआर में दीवाली के पटाखों से ही प्रदूषण होता है यह भ्रम फेलाकर अनैतिक व असंवैधानिक रूप से पटाखों पर रोक लगाकर खुलेआम हिन्दुओ की भावनाओ से न सिर्फ खिलवाड़ कर रही है और हमारे धार्मिक मामलां में दखल अंदाजी कर रही है।
नरेला में पटाखें बनाते हुए 2 युवकों की मृत्यु का जिम्मेवार केजरीवाल : गोयल
इस मौके पर श्री गोयल ने बताया कि दिल्ली सरकार हर वर्ष अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए पटाखों से प्रदूषण का रोना रोती है जबकि देश के सर्वोच्च ने सिविल याचिका संख्या 728/2015 में अपने अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट के एड्वोकेट श्री एपी सिंह के माध्यम से भारत सरकार के वायु गुणवत्ता सूचना आंकड़ों द्वारा यह साबित किया था कि दिल्ली में पटाखों से प्रदूषण नहीं होता, जिसे मानकर पिछले वर्ष न्यायालय ने ग्रीन पटाखों पर से प्रतिबंध हटा दिया था, क्यांकि 23 अक्टूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नियुक्त हुई निरी संस्था के दिशा-निर्देशों द्वारा बनाए गए ग्रीन पटाखें ही बाजारों में बिक रहे हैं जिनमें 90 प्रतिशत तक प्रदूषण कम हुआ है तथा नासा ने भी यह स्पष्ट किया है कि पटाखों से दिल्ली में प्रदूषण नहीं होता।
नरेला में पटाखें बनाते हुए 2 युवकों की मृत्यु का जिम्मेवार केजरीवाल : गोयल
1 अप्रैल 2019 के आदेश में सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट माना है कि दीपावली त्यौहार मनाने के लिए पटाखें ही इस त्यौहार प्रमुख हिस्सा है। सर्वोच्च न्यायालय की जस्टिस श्री एम.आर. शाह एवं जस्टिस ए.एसत्र बोप्पना की डबल बेंच ने विगत 29 अक्टूर 2021 को यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट द्वारा दीवाली पर पटाखे चलाने की अनुमति देने के पक्ष में दायर याचिका जिसकी संख्या 131488/2021 पर अपना निर्णय देते हुए स्पष्ट कहा था कि केवल हानिकारक पटाखे प्रतिबंधित हैं। इसके साथ ही योग्य पीठ ने दिल्ली में दो घंटे के लिए गैर हानिकारक पटाखे (ग्रीन पटाखे निरी संस्था के दिशा-निर्देशों द्वारा बनाए गए) चलाने की छूट भी दी थी। इसके बावजूद केजरीवाल सरकार ने समाचार पत्रां में विज्ञापन देकर 1-2-2022 तक पटाखे चलाने, रखने, बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसकी शिकायत 31-10-2021 को माननीय मुख्य न्यायाधीश, गृहमंत्री, भारत सरकार को लिखित रूप में की गई थी और दिल्ली के लोगां ने पूरी धूमधाम के साथ पटाखे चलाकर दीवाली मनाई थी।
श्री गोयल ने कहा कि पटाखों से जीवाणु नाशक सलफर डाईऑक्साईड नाशक गैस निकलती है जिससे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया व कोरोना जैसी महामारियों से छुटकारा पाया जाता रहा है। मगर केजरीवाल सरकार खुलेआम पटाखों पर रोक लगाकर न सिर्फ करोड़ों, अरबो रूपयां के राजस्व का नुकसान देश का कर रही है बल्कि कई किस्म की जानलेवा बिमारियों की तरफ दिल्लीवासियों को साजिश के तहत धकेल रही है। प्रदूषण के मामले में पूरी तरफ विफल हो चुकी यह सरकार लोगों को दीपावली के पावन अवसर पर बरसां से चली आ रही परंपराआें को भी मनाने से रोक रही है, जैसे गली मोहल्ले में झाडू से सफाई पर रोक, घरां में पेंट व नवनिर्माण पर रोक, पटाखे चलाने पर रोक व गाड़ियों से आने-जाने पर रोक लगा रही है जबकि हिन्दुआें की यह परंपरा रही है कि दीवाली के पावन अवसर पर अपने घरां, फैक्ट्रियों, दुकानां की रंग पुताई व सफाई करते हैं और दीवाली के अवसर पर ही नवनिर्मित घरां में गृह प्रवेश करना शुभ मानते हैं।
श्री गोयल ने कहा कि हाल ही में नरेला क्षेत्र में 2 युवकां की घर में ही पटाखें बनाते हुए मृत्यु हुई है जिसकी सारी जिम्मेदारी दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की है, केजरीवाल पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए क्यांकि पटाखें वर्षों से चलते आ रहे हैं और आगे भी चलते रहेंगे उसके लिए चाहे लोगां को पटाखें घर पर ही क्यां न बनाने पड़ें। श्री गोयल कहा कि देश की सरकारें अपने-अपने में राज्यों में शराब के सरकारी ठेकें इसलिए खोलती हैं ताकि लोग घरां में उल्टी सीधी बिना किसी मापदंड की शराब बनाकर न पी सकें इसी को ध्यान में रखते हुए केजरीवाल सरकार पटाखों से बैन हटाए ताकि ऐसी अनहोनी दुर्घटनाएं न हो सके। विस्फोटक नियम 2008 का तत्काल पालन करते हुए, दिल्ली पुलिस दुकानदारों को निरी संस्था के दिशानिर्देशों द्वारा बनाए गए ग्रीन पटाखों को बेचने का लाइसेंस जारी करने का आदेश देने की कृपा करें, ताकि दिल्लवासी भी देश के अन्य राज्यों की तरह पटाखे चलाकर दीपावली का उत्सव धूमधाम से मना सकें। केन्द्र सरकार के विस्फोटक अधिनियम 2008 के तहत बिना किसी लाईसेंस के 2 किलो पटाखें अपने पास रख सकते हैं और 100 किलो पटाखों का निर्माण अपने इस्तेमाल के लिए कर सकते हैं यह अधिनियम आज तक ज्यूं का त्यूं बरकरार है। वहीं दूसरी और संविधान के मूल अधिकार की धारा 26 ख धार्मिक संस्थाआें को अपने धार्मिक आयोजनां का प्रबंधन करने का मूल अधिकार देती है, जिसमें छेड़छाड़ करने का किसी को कोई अधिकार नहीं है। संमलैंगिकता के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी यह स्पष्ट कहा है कि कोई भी नया कानून बनाने या हटाने का अधिकार देश के सबसे बड़े लेकतंत्र संसद को है इसलिए हम हिन्दू संगठन यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट के घटक अपने अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष पूज्यनीय महंत नारायण गिरी जी महाराज पीठाधिश्वर दूधेश्वर नाथ पीठ की अध्यक्षता में यह घोषणा करते हैं कि देश के समस्त सनातनी हिन्दू हर साल की तरह इस साल भी धूमधाम से पटाखे चलाएं और डेंगू, मलेरिया, चिकलगुनिया जैसी होने महामारियों से देश को मुक्ति दिलवाएं यह यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट का संतों के मार्गदर्शन में हिन्दुआें को आहवाहन है।
इस अवसर पर सर्वश्री एड्वोकेट श्री एपी सिंह, श्री मुकेश जैन, डॉ. राधाकांत वत्स, आचार्य राममिलन शुक्ल आदि उपस्थित थे।
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